सोचने और सक्रिय होने का तरीक़ा है विज्ञान

चावला, सुरभि (2022) सोचने और सक्रिय होने का तरीक़ा है विज्ञान. Paathshaala Bhitar aur Bahar (12). pp. 44-50. ISSN 2582-4836

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Abstract

लेखिका इस लेख मेंतीन कक्षाओं के दर्ज अवलोकनों को साझा करती हैं। वे विज्ञान सिखाने के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए इन कक्षाओं का विश्लेषण करती हैंऔर अपने अवलोकनों के आधार पर कहती हैं कि आज भी विज्ञान की अधिकांश कक्षाएँ पाठ्यपुस्तक–केन्द्रित, जानकारी–केन्द्रित और एकतरफ़ा संवाद वाली ही हैं। लेख के बाद वाले हिस्से में वे एक अच्छी विज्ञान की कक्षा के अवलोकन का विवरण देती हैंऔर बताती हैं कि उन्ह यें ह कक्षा क्यों फ़र्क़ लगी। इस कक्षा के विवरण के ज़रिए वेकक्षा में किस तरह की प्रक्रियाओं को जगह देनेसे विज्ञान शिक्षण बच्चों के लिए अधिक अरपू ्थ र्ण बन सकता है, इसका उदाहरण भी प्रस्तुत करती हैं। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: चावला, सुरभि
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: School education, Science, Teaching
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3724
Publisher URL:

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