स्कूल की भाषा बनाम बच्चेकी भाषा बच्चों से सीखना

झरबड़े, महेश (2022) स्कूल की भाषा बनाम बच्चेकी भाषा बच्चों से सीखना. Paathshaala Bhitar aur Bahar (12). pp. 13-17. ISSN 2582-4836

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Abstract

यह लेख एक बहुभाषी समाज के बच्चों और उनकी शिक्षा, ख़ासकर भाषा शिक्षा पर केन्द्रित है। लेखक अपनी कक्षा के उदाहरण प्रस्तुत करतेहैंऔर बतातेहैं कि बच्चों की भाषा को स्कूल और कक्षा मेंजगह देनेमेंशिक्षक की क्या भूमिका होती है। एक अन्य उदाहरण सुझाता है कि भाषाओं को जगह देना भाषा और संस्कृति के रिश्ते को सहजने मेंमदद करता हैव साथ ही किसी संस्कृति के अच्छे विचारों को फैलानेमेंभी मददगार हो सकता है। वेबतातेहैं कि इन प्रयासों का शिक्षक के बच्चों सेसाथ रिश्ते और विश्वास के साथ ही बच्चों के आत्मविश्वास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेख इस ओर भी इशारा करता है कि बच्चों सेनई भाषा सीखनेके अनुभव सेयह समझ भी बनती है कि बच्चों को नई भाषा सिखानेकी प्रक्रिया में किन बातों का ध्यान रखने की ज़रूरत है। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: झरबड़े, महेश
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Education, Language
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3719
Publisher URL:

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