बच्, चे कहानियाँ और बातचीत

तिवारी, अलका (2021) बच्, चे कहानियाँ और बातचीत. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 3 (8). pp. 44-55. ISSN 2582-4836

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Abstract

कथा साहित्य के जरिए नैतिक शिक्षण एक पुरानी परिपाटी रही है। वाचिक परम्परा में पंचतंत्र, हितोपदेश और जातक कथाओं में इसके संकेत मिलते हैं। लिखित बाल साहित्य में तो इसकी पुरज़ोर वकालत की जाती रही है। यह भी हालिया विमर्श है कि बाल साहित्य को नैतिक शिक्षण का जबरिया, ज़रिया बनाया जाना, साहित्य का पाठक बनने और साहित्य रस बोध की राह मेंकहीं बाधा तो नहीं। इस मत के समर्थकों का कहना है कि जब बड़ों का साहित्य इस कसौटी मेंनहीं परखा जाता तो फिर बच्चों के साहित्य में यह आग्रह क्यों? यह तो कहानियों पर विश्लेषणात्मक चर्चा करते हुए बच्चों की समझ बनने की प्रक्रिया मेंस्वतः निहित है। प्रस्तुत आलेख में अलका तिवारी ने बच्चों के साथ कहानियों पर बातचीत करते हुए उनकी बारीक़ परतों को खोलने और बच्चों की पाठक प्रतिक्रिया खँगालने की कोशिशों का ब्योरा लिखा है। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: तिवारी, अलका
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Education, Primary education, School, Classroom learning
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2818
Publisher URL:

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