सुब्रह्माण्यम, सी. एन.
(2020)
देशद शिक्षा : बदलती छवियॉं.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (4).
7 -19.
Abstract
हमने पिछले लेखों में जिन कलाकृतियों के बारे में चर्चा की थी, उनमें से कई भिन्न
संस्कृतियों के मेल-मिलाप की पैदाइश थीं। भिन्न संस्कृतियों के मिलने से चीज़ों को देखने
व चित्रण करने के नए नज़रिए विकसित हुए। उदाहरण के तौर पर कुषाणकालीन मथुरा
का शिल्प पटल और मुग़लकालीन लघु चित्रों को लिया जा सकता है। इस लेख में हम ऐसे
ही एक और संक्रमण और सम्मिश्रण के दौर की कलाकृतियों को देखेंगे, जो इंगलिश ईस्ट
इंडिया कम्पनी (संक्षेप में “कम्पनी)) के औपनिवेशिक शासन की स्थापना के दौर में बने।
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