नेक सफ़र मुश्किल डगर : शिक्षक तबीबुल्ला खान से बेदांगो कोटोकी व प्रियांकू हजारिका की बातचीत

खान, तबीबुल्ला (2019) नेक सफ़र मुश्किल डगर : शिक्षक तबीबुल्ला खान से बेदांगो कोटोकी व प्रियांकू हजारिका की बातचीत. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3). pp. 124-130.

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Abstract

काबि लाबाद हाई स्कूल असम प्रदेश के शोणितपुर जि ले के नपाम इलाके में आने वाला एक सरकारी विद्यालय है। तेजपुर विश्वविद्यालय के करीब ही यह विद्यालय एक ऐसी जगह पर बसा हुआ है जि से एक ओर बाढ़ जैसी प्राकृति क आपदा तो दूसरी तरफ शैक्षण िक पि छड़ेपन का सामना करना पड़ता है। यह स्कूल मुस्लि म बहुल इलाक़े में है, लेकि न यहाँ असमि या, बंगाली, नेपाली व मिसि ंग भाषी समुदाय भी रहते हैं। क्योंकि इस अंचल के ज़्या दातर लोग अशिक्षि त थे इसलि ए धार् मिक हठधर् मिताओं का प्रभाव यहाँ पर ज़्या दा था। मुस्लि म बहुल इलाक़े में होने के कारण यहाँ सरकारी शि क्षा से अधि क इस्लामि क शि क्षा को प्राथमि कता दी जाती थी। इन्हीं समस्या ओं से संघर्ष करते हुए इसी अंचल के एक कर्म ठ शिक्ष क तबीबुल्ला खान ने वर्ष 1991 में इस स्कूल की शुरुआत की थी। 20–25 बच्चों को लेकर बि ना कि सी सरकारी सुविधा के केवल सामाजि क अनुदान पर शुरू हुआ यह स्कूल तमाम दि क़्क़तों के बावजूद आज सरकारी स्कूल का दर्जा पा चुका है और तक़रीबन 900 बच्चों के शिक्षण से जुड़ा हुआ है। ग़ौरतलब है कि असम में जो स्कूल केवल सामाजि क अनुदान पर कार्य शील होते हैं, उन स्कूलों को Venture स्कूल का दर्जा दि या जाता है। सरकारी सुविधा पाने के लि ए यानी कि Provincialise स्कूलों के श्रेण ी में आने के लि ए इन स्कूलों को कई सारे मापदण्डों पर खरा उतरना पड़ता है। काबि लाबाद स्कूल को इस मुकाम तक पहुँचाने में खान साहब की प्रधान भूमि का रही है। स्कूल के ज़रि ए आसपास के समाज में फैले पि छड़ेपन को दूर करने में भी उन्हें काफ़ी कामयाबी मि ली है। इस साक्षात्का र में जो बच्चे अपने परिव ारों से पहली दफा स्कूल गए हैं उनको शि क्षा के प्रति आकर्षि त करने से लेकर शि क्षा से जुड़ी तमाम दि क़्क़तों के बारे में खान साहब से बात करने की कोशि श की गई है और उनका दृष्टिकोण जानने का प्रयास कि या गया है। साक्षात्का र के ज़रि ए एक स्कूल के Venture से सरकारी बनने की यात्रा जानने की कोशि श की गई है। सि ल्वर जुबली मना रहे इस विद्यालय के सन्दर्भ बि न्दु रहे खान सर से शिक्ष क के समाज, शि क्षा और छात्र–अभि भावक के सम्पर्क से जुड़े तमाम बि न्दु ओं पर उनका नज़रि या जानने का प्रयास कि या गया है।

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: खान, तबीबुल्ला
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Interview, Education, School education, Government school, Teaching, Teacher
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2252
Publisher URL:

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