लक्ष्मी की पेंसिल : कि तना जान पाते हैं हम अपनी कक्षा के बच्चों को?

शर्मा, उषा (2019) लक्ष्मी की पेंसिल : कि तना जान पाते हैं हम अपनी कक्षा के बच्चों को? Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3). pp. 106-114.

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Abstract

लक्ष्मी से मेरी मुलाक़ात जुलाई 2013 में हुई थी। वह दि ल्ली के एक सरकारी स्कूल में पहली क्ला स की छात्रा थी। इस स्कूल में मैंने लक्ष्मी को तीन महीने पढ़ाया। इसी स्कूल में अहाना और आस्ति क से भी अच्छा खासा परिच य है। और यह लेख मुख्यतः इन तीनों बच्चों के बारे में है। यह सरकारी स्कूल दि ल्ली के ग्रामी ण क्षेत्र में है। इस स्कूल में ज़्या दातर वे बच्चे पढ़ने आते हैं जिनके पि ता या तो सब्जियाँ बेचते हैं या मज़दूरी करते हैं या किसी दुकान पर काम करते हैं और माँएँ दूसरों के घरों में या तो काम करती हैं या मज़दूरी करती हैं या सि लाई का काम करती हैं।

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: शर्मा, उषा
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Education, classroom, Classroom teaching, Classroom observation, School, Government school
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2250
Publisher URL:

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