लाइटनिंग

जोशी, कमलेश चंद्र (2023) लाइटनिंग. Pathshala Bheetar Aur Bahar, 5 (16). pp. 92-94. ISSN 2582-483X

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Abstract

पढ़ना सीख रहे छोटे बच्चों के लिए बिग बुक तैयार की जाती हैं। इनको विकसित करने का उद्देश्य यह रहता है कि बच्चों का छपी सामग्री से जुड़ाव बने और वे किताबों को देखने, उलटने–पलटने, ख़ुद से पढ़ने के लिए प्रेरित हों। लाइटनिंग जैसी बिग बुक का स्कूली बच्चों से वास्ता बहुत कम पड़ता है। इस तरह की सामग्री स्कूलों में बहुत कम दिख पाती है। लाइटनिंग किताब को देखकर बच्चे पहले इस बात को लेकर ख़ुश होते हैं कि अरे, इतनी बड़ी किताब हमने पहले नहीं पढ़ी। यह किताब रणथम्भौर के जंगल में रहने वाली लाइटनिंग नाम की मशूहर बाघिन के रोज़मर्रा के जीवन की कहानी है। किताब की विषयवस्तु बच्चों से गहरे से जुड़ी हुई है और उन्हें नया अनुभव देने वाली भी है। बच्चों के लिए पढ़ना सीखने के शिक्षणशास्त्र के नज़रिए से भी देखें तो उसमें बच्चों के लिए अनुमान लगाने और किसी समस्या के हल सोचने के अच्छे मौक़े हैं। किताब के चित्र बहुत आकर्षक हैं और बच्चे इन चित्रों की डिटेल में डूब जाते हैं।

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: जोशी, कमलेश चंद्र
Document Language:
Language
Hindi
Subjects: Social sciences
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/5104
Publisher URL:

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