क्षेत्रफल तथा परिमाप (Pullout-Jul)
शिराली, पद्मप्रिया (2016) क्षेत्रफल तथा परिमाप (Pullout-Jul). At Right Angles, 5 (2). pp. 1-16. ISSN 2582-1873
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Abstract
क्षेत्रफल और परिमाप मापन के वे रूप हैं जो आमतौर पर रोज़मर्रा की कई गतिविधियों में इस्तेमाल होते हैं। विशेष तौर पर क्षेत्रफल बहुत ही सहज तरीक़े से हमारे रोज़मर्रा के कार्यों में शामिल होता है। जैसेकि किसी बरतन को ढँकने केलिए किसी प्लेट का चयन करते समय, किसी मेज़ विशेष के लिए इस्तेमाल होने वाले मज़पोश के रूप में, एक किताब पर कवर लगाने केलिए काग़ज़ की किसी शीट के रूप में आदि। विशिष्ट शब्दों को जाने बिना भी बच्चे आमतौर पर ऐसे निर्णय लेते हैं जिनमें क्षेत्रफल की समझ सहज रूप सेनिहित होती है। ऐसे में एक सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि हम किसी भी जगह की सटीक माप क्यों और किन परिस्थितियों में लेना चाहते हैं? वास्तविक जीवन में इनके इस्तेमाल के माध्यम से इस बात को बार-बार बताने की ज़रूरत है।
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
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Authors: | शिराली, पद्मप्रिया | ||
Document Language: |
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Uncontrolled Keywords: | आकृति, क्षेत्रफल, परिमाप, मापन, अनभव, सूत्र, लम्बाई, चौड़ाई, इकाइयाँ, वर्ग इकाइयाँ, जियोबोर | ||
Subjects: | Natural Sciences > Mathematics | ||
Divisions: | Azim Premji University > University Publications > At Right Angles Azim Premji University > University Publications > At Right Angles > Pullouts |
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Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2777 | ||
Publisher URL: |
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