अंसारी, ज़िया शकूर
(2023)
पुस्तकालय कालांश और बच्चे.
Pathshala Bheetar Aur Bahar, 6 (18).
pp. 74-80.
ISSN 2582-483X
Abstract
इस लेख की लेखिका एक लाइब्रेरियन हैं। वे बताती हैं कि उनके स्कूल में सभी बच्चे सप्ताह में 2 घण्टे पुस्तकालय में बिताते ही हैं। बच्चे पुस्तकालय आएँ, उनमें पढ़ने के प्रति दिलचस्पी पैदा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वे कई प्रकार के काम करती हैं। जैसे— बच्चों के लिए किताबें चुनकर उनको पहले से ही मेज़ पर रख देना; कभी-कभार बच्चों के साथ मिलकर पढ़ना और कहानियाँ सुनाना आदि। वे कहती हैं कि एक बार जब बच्चे पुस्तकालय के प्रति आकर्षित हो जाते हैं, वे उसके लिए अलग से समय निकाल ही लेते हैं।
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