कटियार, प्रतिभा
(2023)
डिजिटल लाइब्रेरी ने बढ़ाया है दायरा.
Pathshala Bheetar Aur Bahar, 6 (18).
pp. 44-48.
ISSN 2582-483X
Abstract
जब पुस्तकालय की बात होती है, आसपास एक खुशबू-सी तैर जाती है। एक ऐसी खुशबू जिसमें नई दुनिया का रास्ता खुलता नज़र आता है। किताबों की उस खुशबू का हाथ थामकर दुनिया के किसी भी कोने की सैर पर निकला जा सकता है। इसमें जो आत्मीयता है उसपर न जाने कितनी कविताएँ लिखी गईं, फ़िल्मों के दृश्य फ़िल्माए गए। किताबों से हर किसी का अलग-सा रिश्ता है। किताबों का तोहफे में मिलना, घर में उन्हें सजाना, तकिए के नीचे रखकर सो जाना, सफ़र में साथ रहना और न जाने क्या-क्या!
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