टिना, .
(2023)
सीखना कक्षा के बाहर भी हो सकता है!
Pathshala Bheetar Aur Bahar, 6 (18).
pp. 36-43.
ISSN 2582-483X
Abstract
महामारी के दौर में बच्चों की पढ़ाई का बहुत ज्यादा नुक़सान हुआ है। इस नुक़सान की भरपाई के लिए तरह-तरह के प्रयास किए गए, जो आज भी जारी हैं। एक ऐसे ही प्रयास का अनुभवपरक व योजनाबद्ध चित्रण इस लेख में है। यह प्रयास गर्मी की छुट्टियों में लगने वाले सीखना सिखाना शिविरों के दौरान किया गया। लेखिका बताती हैं कि इन शिविरों में हर दिन को सर्कल टाइम, भाषा गतिविधि, गणित गतिविधि और फ़न टाइम में बाँटकर इस तरह की सीखने-सिखाने और खेल की विभिन्न गतिविधियाँ की गईं। जिनसे कक्षा की जड़ता कमतर हो। वे बच्चे भाषाई व गणितीय कौशल सीखने की ओर आगे बढ़ें। इन गतिविधियों में, कार्यपत्रकों में रंग भरना, कहानी के पात्रों के चित्र बनाना, चित्रों पर प्रतिक्रिया देना, क्ले मॉडेलिंग, थम्ब आर्ट, नाटक करना, प्ले बॉक्स और पजल्स के साथ खेलना, कविता-कहानियों की प्रस्तुति, आदि शामिल थीं। इस दौरान बच्चों का मूल्यांकन शिक्षकों की मदद से मौखिक रूप से किया गया। -सं.
Actions (login required)
|
View Item |