मेहता, विवेक कुमार
(2023)
संख्याओं के संसार में भटकते हुए एक ख़ूबसूरत सफ़र.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 5 (17).
pp. 22-29.
ISSN 2582-4836
Abstract
इस लेख में एक गणितीय सवाल के बारे में सोचने के रास्ते को बयाँ किया गया है। यह विवरण, गणित क्या है इस बारे में है और गणित करने का क्या आशय है, यह महसूस कराता है। लेख यह भी दर्शाता है कि गणित करने का एकमात्र अर्थ, दिए गए सवालों के जवाब तक पहुँचना नहीं है, बल्कि गणित, सवाल से जूझने की कोशिश है। इस कोशिश में ख़ुद से (और दूसरों से भी) किए सवाल मदद करते हैं। गणित सीखने-सिखाने में इस तरह की कोशिशों को सम्भव करना जरूरी है जहाँ सीखने वाले स्वतः सवाल से भिड़ सकें और भिड़े रहें। वे संख्याओं, गणितीय प्रतीकों के साथ जुड़ें और उनमें सम्बन्धों की पड़ताल करते हुए, अपने लिए नए सम्बन्ध खोज सकें। एक बार सवालों से जूझने का आत्मविश्वास आ जाए तो फिर सीखने वाले हमेशा उससे आनन्दित महसूस करेंगे और उसमें तल्लीन होकर यदि कुछ परेशानियाँ हों तो वह तक भूल जाएँगे। -सं.
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