बच्चे को जानना-समझना और सिखाने की तरकीब

द्विवेदी, अभिषेक कुमार (2023) बच्चे को जानना-समझना और सिखाने की तरकीब. Pathshala Bheetar Aur Bahar, 5 (16). pp. 71-75. ISSN 2582-483X

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Abstract

हर कक्षा में कुछ ऐसे बच्चे होते हैं जिनके बारे में यह मान लिया जाता है कि वे सीख नहीं सकते, उनका दिमाग़ काम नहीं करता, हमेशा शैतानी करते हैं, दूसरे बच्चों को पढ़ने नहीं देते, उन्हें स्कूल की भाषा नहीं आती, आदि। यह लेख ऐसे ही तमग़ों से नवाज़े गए एक बच्चे के साथ किए गए काम के बारे में है। लेख दर्शाता है कि बच्चे के बारे में हमारी मान्यताएँ, उसकी सीखने की क्षमता में हमारा (शिक्षक, अन्य वयस्क और साथी) विश्वास कैसे उसे प्रभावित करता है। साथ ही यह भी कि बच्चे को जानने–समझने से सीखने में हम उसकी मदद कर सकते हैं। लेख इस बात पर भी प्रश्न उठाता है कि बच्चों को अलग–अलग तरह के तमग़ों से नवाज़ना, माने एक ‘लेबल’ दे देना क्या सही है! –सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: द्विवेदी, अभिषेक कुमार
Document Language:
Language
Hindi
Subjects: Social sciences
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/5099
Publisher URL:

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