मातृभाषा और पढ़ने–लिखने की भाषा का द्वन्द

मालवीय, मुकेश (2023) मातृभाषा और पढ़ने–लिखने की भाषा का द्वन्द. Pathshala Bheetar Aur Bahar, 5 (16). pp. 43-48. ISSN 2582-483X

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Abstract

पाठ्यपुस्तक के उद्देश्यों को देखते हैं तो बच्चों के साथ स्कूल की भाषा पर काम करना ज़रूरी है। लेकिन भाषा शिक्षण के व्यापक उद्देश्यों के नज़रिए से देखने पर महसूस होता है कि कक्षा की लक्षित भाषा में शिक्षण प्रभावी हो पाए इसके लिए बच्चों की मातृभाषा को कक्षा में पर्याप्त जगह देना भी ज़रूरी महसूस होता है। लेखक पढ़ने, लिखने, विचार करने और सीखने में मातृभाषा की भूमिका की अहमियत पर अपने विचार रखते हैं। वे बताते हैं कि मातृभाषा में विकसित विभिन्न भाषाई क्षमताएँ लक्षित भाषा सीखने में मददगार होती हैं। मातृभाषा में सीखना, मातृभाषा की मदद से सीखना, सीखने को अर्थपूर्ण बनाता है। –स.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: मालवीय, मुकेश
Document Language:
Language
Hindi
Subjects: Social sciences
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/5095
Publisher URL:

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