कैसे साथ–साथ चल पाए पढ़ना–लिखना और सुनना–बोलना

झरबड़े, महेश (2023) कैसे साथ–साथ चल पाए पढ़ना–लिखना और सुनना–बोलना. Pathshala Bheetar Aur Bahar, 5 (16). pp. 29-34. ISSN 2582-483X

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Abstract

यह लेख मुख्यतः लिखने पर आधारित है। लेखक अपने कक्षा अवलोकनों के आधार पर कहते हैं कि कक्षा में बच्चों के साथ की जाने वाली लिखने की गतिविधियाँ आमतौर पर यांत्रिक और बनावटी होती हैं। कक्षा में उन्हें लिखी या छपी हुई सामग्री को देखकर लिखने या नक़ल का अभ्यास कराया जाता है। यही वजह है कि वे ख़ुद के द्वारा लिखी हुई सामग्री को भी पढ़ नहीं पाते हैं। लेखक ने, लिखना क्या है और लिखने–पढ़ने के कौशल को विकसित करने के लिए बच्चों के साथ कैसे काम किया जाए कि बच् समझकर और आत चे ्मविश्वास के साथ लिखना–पढ़ना सीख सकें, इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। –सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: झरबड़े, महेश
Document Language:
Language
Hindi
Subjects: Social sciences
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/5093
Publisher URL:

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