आलम, शाह
(2023)
हमारे समय में श्रम की गरिमा.
Pathshala Bheetar Aur Bahar.
pp. 92-97.
Abstract
इस किताब में कांचा आइलैया ने आदिवासियों, चर्मकारों, कुम्हारों, मूर्तिकारों, किसानों, बुनकरों, धोबियों और नाइयों के विज्ञान, कला व हुनर पर प्रकाश डाला है। किताब मानव जीवन को बेहतर बनाने में ऐसी जातियों और समुदायों के योगदान को दर्ज करती है जिन्हें ‘निम्न’ और ‘पिछड़े’ मानकर तिरस्कृत किया जाता है। दुर्गाबाई व्याम के अनूठे चित्रों से सजी यह किताब भारतीय बच्चों के बीच मानव श्रम की गरिमा को पुनः प्रतिष्ठित करने की कोशिश है। –सं
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