युवक! क्या तुम शिक्षक बनोगे?
सिंह, अनिल (2022) युवक! क्या तुम शिक्षक बनोगे? Paathshaala Bhitar aur Bahar (12). pp. 87-88. ISSN 2582-4836
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Abstract
श्याम नारायण मिश्र द्वारा लिखित अध्यापकीय जीवन का गुणनफल एक लोकप्रिय शिक्षक केअध्यापकीय जीवन का आत्म–वृत्तान्त प्रस्तुत करती है। किताब में, स्वातंत्र्योत्तर भारत के आरम्भिक दशकों में उद्घाटित नवीन जनतांत्रिक चेतना किस तरह उत्तर बिहार के ग्रामीण–क़स्बाई परिवेश में संस्थानिक आकार ग्रहण करती है, कैसे वह नई जनाकांक्षाओं की संवाहक बनती हैऔर किस तरह जाति–आधारित ग्रामीण व्यवस्थाओं के साथ उसका आरोपण–प्रत्यारोपण होता है, साथ ही और किस तरह के सामाजिक– सांस्कृतिक परिवर्तन हुए हैं, इन परिघटनाओं की झलक मिलती है। सं
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
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Authors: | सिंह, अनिल | ||
Document Language: |
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Uncontrolled Keywords: | Book discussion, Teaching, Education | ||
Subjects: | Social sciences > Education | ||
Divisions: | Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar | ||
Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3731 | ||
Publisher URL: |
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