मातृभाषा और गणित शिक्षण
श्रीवास्तव, सुधीर (2022) मातृभाषा और गणित शिक्षण. Paathshaala Bhitar aur Bahar (12). pp. 74-84. ISSN 2582-4836
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Abstract
इस लेख मेंकक्षा तीन के बच्चों के साथ वृत्त की अवधारणा पर बातचीत के अनुभव साझा किए गए हैं। अनुभवों का यह विवरण -बच्चों के सीखने–सिखानेसेसम्बन्धित कई बिन्ओं दु को उभारता है। सबसे पहले यह कि मातृभाषा में शिक्षण हो सकता हैऔर काफ़ी सहजता से हो सकता है, यह भी कि मातृभाषा मेंकक्षा मेंबातचीत बच्चों को तरह–तरह से सोचनेके मौक़े उपलब्ध कराती है, जैसे जो पूछा जा रहा हैउसके जवाब देना, लेकिन साथ ही उन अनुभवों के बारे में सोचना जो अभी सामने नहीं हैं, उन अनुभवों को जोड़ पाना और उसमेंकुछ निष्कर्ष निकाल पाना। कक्षा का विवरण पढ़नेपर यह बिन्दु सहज रूप से खुलते जाते हैं। ये भी समझ आता है कि किसी गणितीय अवधारणा को समझने में बच्चों के पूर्व ज्ञान का क्या अर्थ है, बच्चों से किस प्रकार के प्रश्न किए जा सकते हैं ताकि वेअपनी समझ को खँगाल सकें, किसी अवधारणा पर कैसेआगेबढ़ा जा सकता है आदि।
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
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Authors: | श्रीवास्तव, सुधीर | ||
Document Language: |
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Uncontrolled Keywords: | School education, Language, Mother tongue, Mathematics | ||
Subjects: | Social sciences > Education Language Natural Sciences > Mathematics |
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Divisions: | Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar | ||
Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3730 | ||
Publisher URL: |
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