चौहान, हेमवती
(2021)
बाल साहित्य की ज़रूरत.
Paathshaala Bhitar aur Bahar.
pp. 37-41.
ISSN 2582-4836
Abstract
बच्चों के पास अच्छा बाल साहित्य उपलब्ध हो और फिर उनके साथ मिलकर इस सहित को पढ़ा जाए, सुना - सुनाया जाए या और भी अन्तः क्रियाएँ की जाऐं तो यह सीखने - सिखाने में अनगिनत सम्भावनाओं की जगह बनाता चलता है। यह लेख कुछ ठोस उदाहरणों का विस्तृत वर्णन करते हुए इन विभिन्न सम्भावनाओं को देखने और समझने में मदद करता हैं। लेख कुछ उन मानदण्डों को भी इंगित करता है जो यह समझने में मदद करते हैं कि अच्छा बाल साहित्य हम किसे कह सकते हैं।
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