Where have all our gunda thopes gone? : a meeting of old friends Vrikshbaba and Lakshmi = कहाँ गई हमारी वन-वाटिकाएँ? : पुराने दोस्त वृक्षबाबा और लक्ष्मी की मुलाकात

Mundoli, Seema and Nagendra, Harini (2021) Where have all our gunda thopes gone? : a meeting of old friends Vrikshbaba and Lakshmi = कहाँ गई हमारी वन-वाटिकाएँ? : पुराने दोस्त वृक्षबाबा और लक्ष्मी की मुलाकात. Azim Premji University, Bengaluru.

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Abstract

यह एक काल्पनिक कथा है। लेकिन बेंगलुरु की सरहद पर वह अनाम गाँव ठीक वैसा ही है जैसा कि यहाँ चित्रित किया गया है। वाटिकाओं का अस्तित्व भी है। कहानी के सारे तत्व गाँव के निवासी के साथ हुई हमारी बातचीत से लिए गए हैं। यह कथा बेंगलुरु की एक वन-वाटिका की हो सकती है। लेकिन भारत के तमाम शहरों के ऐसे वृक्षकुंज, जिनमें कुछ अलग तरह के पेड़ हो सकते हैं, शहरीकरण के ऐसे ही ख़तरों का सामना कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह कहानी हमें अपने आसपास की प्रकृति के बारे में और जानने में मदद करेगी। हमें उम्मीद है कि आपमें से जो भी इस कहानी को पढ़ेंगे, पेड़ों और वाटिकाओं — शहरों में हमारे प्रहरी और साथी— की समझ उन्हें और समृद्ध करेगी।

Item Type: Book
Authors: Mundoli, Seema and Nagendra, Harini
Uncontrolled Keywords: Gunda thopes, Environment, urbanising, Cities, Environmental crisis
Subjects: Natural Sciences > Life sciences; biology > Ecology
Divisions: Azim Premji University > School of Development
Full Text Status: Public
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URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2772
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