विद्यालयी ढाँचों में जनजातीय समुदाय की संस्कृति और सभ्यता के लिए जगह

राणा, नीरज (2019) विद्यालयी ढाँचों में जनजातीय समुदाय की संस्कृति और सभ्यता के लिए जगह. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3). pp. 167-176.

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Abstract

विभिन्न जनजातीय समुदायों की तरह छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जि ले में बसे हुए सबरि या समुदाय के बारे में भी तरह–तरह की मान्यताएँ हैं। ये मान्यताएँ समाज में उनकी नकारात्मक छवि प्रस्तु त करती है, जि स कारण स्कूल में पढ़ने वाले इस समुदाय के बच्चों की शिक्षा के रास्ते में कई बाधाएँ और मुश्किलें पेश आती है। जि नमें भाषा के माध्यम और सीखने की प्रक्रियाओं से जुड़ी बाधाएँ प्रमुख हैं। नीरज राणा इस समुदाय के बच्चों के लि ए संचालि त कुछ शासकीय विद्यालयों के अवलोकन और चर्चाओं पर आधारि त शोध अध्ययन में सबरि या समुदाय के बच्चों के बारे में शिक्षकों की मान्यताओं, बाधाओं और चुनौति यों को समझने की कोशिश करते हैं, और यह भी िक इन चुनौति यों से कैसे उबरा जा सकता हैं? अध्ययन के नि ष्कर ्ष बताते है कि सबरि या समुदाय के बच्चों के लि ए स्थापि त सरकारी शालाएँ उन्हें अन्य समुदाय के बच्चों से अलग करती नज़र आती हैं। अत: विद्यालयी ढाँचों में जनजातीय समुदाय की संस्कृति और सभ्यता को स्थान देने की ज़रुरत है। सं.

Item Type: Articles in APF Magazines
Authors: राणा, नीरज
Document Language:
Language
Hindi
Uncontrolled Keywords: Education, Community education, Education system, Education policy, Community child education
Subjects: Social sciences > Education
Divisions: Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar
Full Text Status: Public
URI: http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2256
Publisher URL:

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