चतुर्वेदी, पल्लवी
(2019)
शिक्षा से जीवन के टूटे पुलों को जोड़ती कि ताब (Book review).
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 2 (3).
pp. 131-135.
Abstract
जॉन ड्युई का शिक्षा दर्शन
सामुदायि क जीवन के अनुभवों से रची शिक्षा व्यवस्था की रूपरेखा
जॉन ड्युई का शिक्षा दर्शन उन तीन व्याख्यानों के माध्यम से समझा जा सकता है जो
उन्होंने अप्रैल, 1899 में university elementary school में पढ़ रहे छात्रों के अभि भावकों और
इस स्कूल में रूचि रखने वाले अन्य लोगों की उपस्थिति में दि ए। ये व्याख्यान आगे वर्णित
वि षयवस्तु ओं के बारे में व्याख्याता के वि चारों को श्रोताओं के समक्ष रखते हैं। ये हैं— स्कूल और
सामाजि क प्रगति , स्कूल और बच्चे का जीवन, स्कूली जीवन के विभि न्न अंगों के मध्य सुसंगति
का अभाव और University elementary स्कूल के तीन वर्ष ।
प्रस्तु त लेख इन्हीं व्याख्यानों के वि षय में लेखक की समझ का सार है। सं.
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