‘ मैं शिक्षक रहा हूँ ’ इस बात का मुझे फ़ख़्र है
जैन, फूलचन्द्र and सिंह, गुरबचन (2019) ‘ मैं शिक्षक रहा हूँ ’ इस बात का मुझे फ़ख़्र है. Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2). pp. 113-119.
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Abstract
यह साक्षात्का र बुन्दे लखण्ड के कस्बा ई सरकारी वि द्यालयों में तक़रीबन तीन दशक तक अध्या पक और प्रधान अध्या पक के रूप में कार्य करने वाले शि क्षक फूलचन्द्र जैन के शैक्षिक अनुभवों का वि वरण प्रस्तु त करता है। इस बातचीत में हम शि क्षक की दृष्टि से बचपन, सीखने–पढ़ने के तरीक़ों और प्रभावी शि क्षक–प्रशि क्षण की समस्या ओं व सुझावों और अच्छे शि क्षक की जवाबदेही जैसे मसलों को देख–समझ पाते हैं। सं.
Item Type: | Articles in APF Magazines | ||
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Authors: | जैन, फूलचन्द्र and सिंह, गुरबचन | ||
Document Language: |
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Uncontrolled Keywords: | Education, School teacher, Elementary education, Language learning | ||
Subjects: | Social sciences > Education | ||
Divisions: | Azim Premji University > University Publications > Pathshala Bheetar Aur Bahar | ||
Full Text Status: | Public | ||
URI: | http://publications.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2231 | ||
Publisher URL: |
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