उमर, मोहम्मद
(2019)
बनवारीलाल माड़साब और उनके सवाल.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (2).
pp. 41-51.
Abstract
प्राथमि क स्कूल के एक साधारण शिक्ष क बनवारीलालजी के सेवाकालीन अनुभवों और
उनकी सादगी के माध्यम से मोहम्म द उमर ने अपने आलेख में यह बताने की कोशि श
की है कि तमाम विपरीत परिस्थितिय ों के बावजूद दूर दराज़ के इलाकों में शिक्ष क कि स
तरह अर्थपूर्ण काम कर रहे हैं। साथ ही लेखक ने इस बात का इशारा भी किय ा है कि गैर
अकादमि क प्रशासकीय दायि त्वों के चलते कि स प्रकार शिक्ष कीय कार्य प्रभावित होता है।
बनवारीलाल माड़साब* जैसे जीवट व्यक ्ति इन्हीं अनुभवों के ख़ज़ाने से बच्चों के लि ए भी
सीखने सि खाने के मोती नि काल लाते हैं। सं.
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