यादव, चन्दन
(2018)
शुरुआती पाठकों के लिए बाल साहित्य : कुछ सवाल.
Paathshaala Bhitar aur Bahar, 1 (1).
pp. 23-26.
Abstract
स्कूल में आकर वि द्यार् थी पढ़ना–लि खना सीखते हैं। यह प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए कि उन्हें
पढ़ने का चस्का लग सके और वे एक सक्षम पाठक बन सकें । यह ज़रूरी है कि वि द्यार् थी जब
स्कूल से नि कलें तब सक्षम और स्व तंत्र पाठक बनकर नि कलें। सीखने में आत्मनिर्भ रता हासि ल
करने और सीखने की जीवनपर्यन्त प्रकिय ा में शामि ल होने की यह एक महत्त्वपूर्ण पूर्व शर्त है।
लेकि न क्या स्कूल बच्चों को सक्षम पाठक बना पा रहे हैं? पढ़ना–लि खना सि खाने की प्रक्रिया
में कुछ तो ऐसा है कि बच्चे अक्षर ज्ञान और मात्रा ज्ञान के बाद कि सी तरह जोड़–जोड़ कर
पढ़ना सीख भी लेते हैं तब भी कि ताबों से उन की दोस्ती नहीं हो पाती है। चन्दन यादव
प्राथमि क कक्षाओं में प्रयुक्त होने वाली पठन–सामग्रिय ों के वि श्ले षण के जरि ए इन्हीं सवालों
की पड़ताल कर रहे हैं। सं.
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